बस्तर

राजपत्रिका : बीमारी से जूझ रहे कई नक्सली, परेशानी बताने पर गोली मार देते है बड़े लीडर

बस्तर : अलग-अलग घटनाओं में करीब 100 से ज्यादा जवानों की हत्या करने वाले हार्डकोर नक्सली कमांडर दिनेश मोड़ियाम ने हथियार डाल दिए हैं। सरेंडर के बाद उसने कहा कि, हिंसा का रास्ता गलत है। नक्सल संगठन के लोग सिर्फ आदिवासियों को गुलाम बनाना चाहते हैं। दिनेश ने कहा कि नक्सली ठेकेदारों से पैसे वसूलते हैं। छोटे कैडर बीमारी से मारे जा रहे। बड़े लीडरों को कुछ कह दिया तो वे मार डालते हैं। दिनेश ने कहा कि, जिस दिन मैंने हाथों में हथियार पकड़ा था तब सोच लिया था कि मेरी लड़ाई आदिवासियों के हित के लिए है। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। नक्सल संगठन की विचारधारा एकदम गलत है। बड़े लीडर्स बंदूक के बल पर आदिवासियों को जबरदस्ती नक्सल संगठन में भर्ती कर रहे हैं। जिसका एक हिस्सा मैं खुद भी हूं।

जल-जंगल-जमीन का नारा देते हैं और आदिवासियों को भटकाते हैं। आदिवासियों को आदिवासियों के खिलाफ लड़वा रहे, हिंसा करवा रहे हैं। आदिवासियों की रोजी-रोटी को छीनने का काम कर रहे हैं। इनका मकसद बड़े ठेकेदारों से पैसे वसूलना है। फिर उनके हिसाब से खर्च करना होता है। यदि कोई ग्रामीण गांव में विकास चाहता है तो नक्सली विकास होने नहीं देना चाहते हैं। यदि कोई भी ग्रामीण कह दे कि उन्हें गांव में सड़क, बिजली, पुल-पुलिया चाहिए तो उसे पुलिस का मुखबिर बताकर मार डालते हैं। यही नक्सल संगठन की असली सच्चाई है। मैं भी भटक चुका था। मेरी जिंदगी जंगल में ही गुजर रही थी। परेशान हो गया था। इसलिए मैंने हिंसा का रास्ता छोड़ दिया। मुख्य धारा में लौट आया हूं।

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