राजपत्रिका : PART – 8 लोगों को ठहलाने का मकसद हुआ असफल, लोगों में पैसा वापसी को लेकर आक्रोश शुरू

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जांजगीर चांपा : वैसे तो लोगों को पीयूष अपने गांव में मीटिंग रखकर डेढ़ साल में पैसा वापस करने का वादा कर ठेहला दिया था पर लोगों का सब्र अब खत्म होती नजर आ रही है पीयूष ने मीटिंग में लोगों के पैसे डेढ़ साल में वापस करने की बात कह कर भाग गया जिसमें लोगों ने हामी तक नहीं भरी थी वही मीटिंग के बाद लोग जितना सब्र कर सकते थे उन्होंने किया पर अब उनके घरों में पैसे की जरूरत होने पर वह परेशान होकर अब सामने आ रहे हैं लोगों को कहीं अपने इलाज संबंधित में पैसे की जरूरत है तो कहीं किसी के घर में शादी करने हेतु पैसे की जरूरत है । लोगों का कहना है की मीटिंग को हुए लगभग 4 से 5 माह हो चुके हैं जिसमें पीयूष ने अब तक किसी के पैसे वापस नहीं किए हैं, तो वह कैसे कह सकता है कि डेढ़ साल में वह सब के पैसे वापस कर देगा । पीयूष ने जिन-जिन लोगों को पैसे वापस करने के लिए आश्वासन दिया था उन सब का कहना है कि उन्हें अब तक पियूष द्वारा ₹10 भी प्राप्त नहीं हुए अब उन्होंने पियूष के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है जिसमें वह पियूष के खिलाफ शिकायत करने के बाध्य हो चुके है ।
कहीं हो रही शिकायत तो कहीं हो रही मीटिंग
पीयूष के लग्जरी लाइफ़स्टाइल के बहकावे में आकर सिर्फ जांजगीर चंपा ही नहीं बल्कि आसपास के जिले जैसे कोरबा, बिलासपुर, रायगढ़, भिलाईगढ़ सारंगढ़, रायपुर और अंबिकापुर संहित आसपास के जिलों में भी पीयूष के इन्वेस्टर मौजूद जिनका फोन पियूष नहीं उठा रहा है लोगों को पीयूष ने कहा था कि वह पैसे जल्द वापस कर देगा और पैसे वापस न करने पर लोगों का सब्र अब खत्म होता नजर आ रहा है जिसे लेकर लोग अब कहीं आपस में मीटिंग रख रहे हैं तो कहीं पुलिस थाना, कलेक्ट्रेट शिकायत लेकर पहुंच रहे हैं ।
वैसे वापसी हेतु रोजाना घर बैठ रहे लोग
लोगों का पैसा लेकर पीयूष तो फरार हो गया है पर उसको ढूंढते लोग उसके घर जा रहे हैं लोगों का कहना है कि पीयूष पैसा नहीं देगा तो उसके लिए पैसे हम उनके परिजनों से वासुलेंगे लोगों का सब्र खत्म होते ही लोग अभी उसके घर बाहर जाकर बैठ रहे हैं । घर का दरवाजा खटखटाने पर पियूष के परिजन दरवाजा नहीं खोलते तो लोग घंटों उसके घर के बाहर बैठते नजर आ रहे हैं जिन्हें आसपास के आने जाने वह वाले लोग रोजाना देख रहे हैं ।
दोस्त सहित रिश्तेदारों से मिला पियूष को धोखा
पीयूष ने अपने काले कारनामों में अपने क्लासमेट सहित अपने परिवार के सदस्यों को भी रखा था जिन्हें वह अपना खास समझता था जिन्होंने पियूष के चाल को उसी पर उलट पलट कर दिया दरअसल पीयूष अपने दोस्तों या रिश्तेदारों को कहीं पैसा लाने या ले जाने का काम देते थे वह पैसा छोड़ने के बजाय अपने घर में रख लिया करते थे जिसकी पीयूष को भनक तक नहीं लगी और जब लोगों में अब आक्रोश जागृत हुआ तब सच्चाई का पता चला कि लोगों को पियूष के दिए पैसे मिले ही नहीं जो की बीच में बैठे दोस्त और रिश्तेदार रूपी दलाल खा गए ।