राजपत्रिका : PART – 11 पुलिस के डर में घर नहीं जा रहा महाठग , डर में भाग रहे परिजन भी, मामा दे रहे अपने घर में पनाह ???

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जांजगीर चांपा : पियूष इन दिनों बिलासपुर में अपने मामा यहां रह रहा है क्योंकि क्षेत्र में इतने बड़े फर्जीवाड़ा करके कोई अपने घर में नहीं रह सकता जो बात पीयूष को भली-भांति पता थी इसलिए वह दिन-ब-दिन अपना जगह बदल बदल के रहना कर रहा था । जब भी कोई पियूष के घर जाते हैं तो पियूष वहां नहीं मिलता उसके परिजनों द्वारा सुनने को मिलता है कि पियूष यहां है तो पियूष वहां है लेकिन पीयूष कहां है किसी को नहीं पता । देर रात पियूष कभी-कभी अपने घर आता है और सुबह-सुबह सूरज उगने से पहले लोगो के पता चलने से पहले ही वापस चला जाता है ।
बिलासपुर के मामा दे रहे पीयूष को पनाह ? हो रहे अपराधी के अपराध में संलिप्त ?
दरअसल पीयूष इन दिनों भागा भागा फिर रहा है उसे भी पता है कि उसने क्षेत्र के गरीबों को लूट कर शांतिं से अपने घर में नहीं रह सकता । पीयूष की शिकायत थाने में भी हो चुकी है और रोजाना उसके घर पुलिस जा रही है लेकिन जैसे ही पुलिस उसके घर जाती है कि उसके परिजन पहले ही फरार हो चुके होते हैं या डर में दरवाजा नहीं खोलते और परिजनों द्वारा पियूष को भी घर में आने से मना कर दिया है जिसके परिणामस्वरुप सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार पियूष इन दिनों अपने बिलासपुर के मामा यहां घर ऊपर दूसरी मंजिल में रह रहा है शासन के नियम अनुसार कोई भी अपराधी को अपने घर में पनाह देना और छुपा कर रखना भी एक अपराध में आता है जिसके चलते उसके मामा जो प्रॉपर्टी डीलिंग का काम करते हैं वह भी अपराधियों के अपराध में शामिल हो रहे हैं जिसकी जानकारी पुलिस को दे दी गई है । पीयूष की शिकायत थाना पामगढ़, अकलतरा, बिलासपुर, चंपा, सहित पीयूष के गृह ग्राम बम्हनीडीह में भी हो चुका है जिसके चलते आए दिन पीयूष के तलाश में पुलिस उसके घर जाती है जहां उसके परिजनों द्वारा कहा जाता है कि पियूष यहां नहीं है ।
गांव में सारे कारनामों से अंजान बनते है पीयूष के परिजन, कहते है हमे कुछ पता ही नहीं !!!
वैसे तो पियूष के ठगो का काम गांव सहित पूरे आसपास के जिलों में सभी को पता है लेकिन ऐसा प्रतीत होता है कि उसके परिजन आंख में पट्टी बांधकर बैठे थे । जब कोई पीयूष के खिलाफ पियूष के परिजन को बोलते हैं तो उनके द्वारा जवाब में आता है कि मुझे तो कुछ पता ही नहीं था कब यह लड़का ऐसा कर दिया ! ऐसा मुझे जानकारी होता तो मैं उसे इस प्रकार का काम करने ही नहीं देता लेकिन वही सोचने वाली बात यह है कि एक छोटे से सामान्य परिवार में जब बेटे पीयूष अपने परिजनों को करोड़ों की हार गिफ्ट करता हैं, अपने परिजन को करोड़ों के घड़ी गिफ्ट करता हैं, अपने परिजन को लाखों की कार गिफ्ट करता हैं, अपने परिजन को चांपा में लाखों के घर गिफ्ट करता हैं, अपने परिजनो को पॉकेट मनी के रूप में करोड़ों रुपए देता हैं तब उसके परिजनों को उसके कामों से कोई परेशानी नहीं होती थी , पर यह सब फालतू की बाते है सच्चाई यह है कि पियूष के परिजनो को सब बात पता था । लेकिन जब भी उन्हें कोई पूछता है तो वह यह कहते हैं कि मुझे कुछ चीज की जानकारी ही नहीं थी तो लगता है कि पियूष के परिजन को जो महंगे तोहफे और पैसे अपने बेटे द्वारा मिल रहे थे वह कहीं आसमान से टपक रहे थे यह जमीन से उगल रहे थे ।
पीयूष के पिता ने भी लिया लोगो से पैसा – शिकायतकर्ता
एक शिकायत में तो पीयूष के पिता द्वारा भी पैसा लिए जाने का आरोप शिकायतकर्ता द्वारा लगाया गया है । शिकायतकर्ता ने बताया कि पीयूष के साथ पैसा लेने उसके पिता भी आए थे जैसे ही पीयूष के हाथ पैसा आया उसने पैसा गिनने के लिए अपने पिता को दिया फिर पैसा गिन कर पीयूष और उसके शरीफ पिता चलते बने , इन सब की जानकारी शिकायतकर्ता ने थाना प्रभारी बम्हनीडीह को दी है जिसके चलते अब पियूष के परिजन भी पुलिस को देखकर भाग खड़े होते हैं कुछ दिनों पहले ही जैसे पुलिस पियूष के घर गए उतने में ही पियूष के परिजन अपने बेटे के फर्जीवाड़ा से कमाए हुए पैसों से जो काले कलर की कार खरीदी है उसमें भागते नजर आए ।