जांजगीर चांपा

राजपत्रिका : शराब पीते पकड़े गए कर्मचारियों पर DFO की नरमी, डॉक्टरी पुष्टि के बाद भी दोषियों को संरक्षण

जांजगीर चांपा  :  अंतर्गत ब्लॉक बम्हनीडीह के खपरीडीह स्थित आरा मील में पहुंचे चांपा वन विभाग की टीम ने आरा मील संचालक के कमरे में शराब पार्टी मनाई मौके पर पहुंचे पत्रकारों ने जब वीडियो बनाया, तो टीम के सदस्य बोतलें और ग्लास छुपाते नजर आए इससे वन विभाग की कार्रवाई पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं । जब अधिकारियों की पुष्टि हो चुकी है कि वे ऑन ड्यूटी शराब पी रहे थे तो उच्च अधिकारियों के हाथ कार्यवाही करने के लिए क्यों कांप रहे है यह सोचने वाले बात है ।

प्रतिबंधित लकड़ियों की मौजूदगी के बावजूद कार्रवाई नहीं

जहां एक ओर शासन द्वारा अर्जुन जैसे प्रतिबंधित पेड़ों की कटाई पर सख्त रोक है, वहीं आरा मील में इस पेड़ की बड़ी मात्रा में लकड़ी पाई गई इसके बावजूद विभाग ने न तो मील को सील किया और न ही कोई कानूनी कार्यवाही की, जिससे विभाग की नीयत पर संदेह और गहरा होता जा रहा है ।

डॉक्टरी जांच में सामने आई सच्चाई, फिर भी लीपापोती

मामला सामने आने के बाद कर्मचारियों को जिला अस्पताल भेजा गया, जहां 6 में से 5 कर्मचारियों के शराब सेवन की पुष्टि डॉक्टरों ने की है यह पुष्टि स्वयं वन विभाग के लिए शर्मनाक दस्तावेज है, लेकिन इसके बाद भी DFO द्वारा कोई कठोर कदम नहीं उठाया गया ।

DFO की चुप्पी और संरक्षण पर सवाल !

पूरे मामले में सबसे गंभीर पहलू यह है कि इतने गंभीर आरोपों और पुष्टि के बावजूद संबंधित कर्मचारियों पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई, DFO की चुप्पी और अब तक की निष्क्रियता को देखकर यह सवाल उठना लाजमी है कि क्या वह दोषियों को संरक्षण दे रहे हैं ?

स्थानीय जनता में आक्रोश, कलेक्टर से कार्रवाई की मांग

घटना से स्थानीय जनता में भारी नाराज़गी है लोगों का आरोप है कि विभागीय मिलीभगत से ही प्रतिबंधित पेड़ों की कटाई और शराब पार्टी जैसी घटनाएं हो रही हैं लोगों ने जांजगीर चांपा कलेक्टर से इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच कराकर दोषी अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है ।

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