राजपत्रिका : डिजिटल क्रॉप सर्वे में दो भाइयों की मेहनत रंग लाई, रबी फसल सर्वे से कमाए 73,250 रुपए

जांजगीर-चांपा : जिले में डिजिटल क्रॉप सर्वे के ज़रिए युवाओं को रोजगार से जोड़ने की पहल रंग ला रही है। इसी योजना के तहत ग्राम कन्हईबंद और सिवनी के दो भाइयों मयंक और श्रियंक ने रबी फसल के दौरान सर्वे कर 73,250 रुपए का मानदेय अर्जित किया है।
रबी फसल के सर्वे में मिला मेहनत का फल
राजस्व विभाग द्वारा रबी सीजन में डिजिटल फसल सर्वे का कार्य युवाओं को सौंपा गया था। इस योजना में न्यूनतम 10वीं पास और एंड्रॉयड मोबाइल रखने वाले युवाओं को प्रति खसरा 10 रुपए की दर से भुगतान का प्रावधान किया गया है। अधीक्षक भू-अभिलेख विनय पटेल ने बताया कि मयंक और श्रियंक ने ग्राम कन्हईबंद व सिवनी में सजगता से सर्वे कार्य करते हुए कुल 7,325 खसरों का सर्वे किया, जिससे उन्हें 73,250 रुपए मिले।
सरकारी योजनाओं से युवाओं को मिला नया रास्ता
यह योजना उन युवाओं के लिए बेहतर अवसर बनकर उभरी है जो पढ़ाई के बाद रोजगार की तलाश में रहते हैं। डिजिटल क्रॉप सर्वे न केवल ग्रामीण युवाओं को मोबाइल और तकनीक से जोड़ रहा है, बल्कि उन्हें ग्राम स्तर पर ही आय का साधन भी दे रहा है। यह मॉडल स्वरोजगार और सरकारी कामकाज को जोड़ने का उत्कृष्ट उदाहरण बन रहा है।
खरीफ फसल के लिए भी खुला मौका, इच्छुक युवा संपर्क करें
विनय पटेल ने बताया कि अब आगामी खरीफ फसल के लिए भी फसल सर्वे हेतु युवाओं को मौका मिलेगा। इच्छुक युवक या युवतियां अपने गांव के पटवारी या तहसील कार्यालय में संपर्क कर सकते हैं खरीफ सीजन में भी प्रति खसरा 10 रुपए की दर से भुगतान किया जाएगा और मानदेय सीधे बैंक खाते में भेजा जाएगा ।
योजना का प्रभावी संचालन और पारदर्शिता बनी मुख्य विशेषता
डिजिटल सर्वे प्रणाली से पारदर्शिता, वास्तविक डेटा संग्रह और समयबद्ध रिपोर्टिंग संभव हो रही है। साथ ही सर्वे करने वालों को मोबाइल ऐप से काम की सुविधा मिल रही है। इस तरह की योजनाएं ग्रामीण स्तर पर युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में कारगर साबित हो रही हैं ।