राजपत्रिका : छत्तीसगढ़ में मंत्रिमंडल का विस्तार, तीन नए चेहरे बने मंत्री, अब कुल 13 सदस्यीय परिषद

रायपुर : छत्तीसगढ़ में लंबे इंतजार के बाद मंत्रिमंडल का विस्तार हुआ और तीन नए विधायकों को मंत्री पद की शपथ दिलाई गई। राज्यपाल रामेन डेका ने राजभवन के दरबार हॉल में गरिमामय समारोह में गजेंद्र यादव, खुशवंत साहेब और राजेश अग्रवाल को मंत्री पद की शपथ दिलाई। शपथ ग्रहण समारोह में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, उनके मंत्रिमंडल के सदस्य, सांसद, विधायक और बड़ी संख्या में आमंत्रित अतिथि मौजूद रहे।
नए चेहरों के शामिल होने के बाद अब छत्तीसगढ़ मंत्रिपरिषद में कुल 13 मंत्री हो गए हैं। पहले मुख्यमंत्री के अलावा 12 सदस्यीय कैबिनेट थी। दरअसल, 2004 में 15 प्रतिशत नियम लागू होने के बाद 90 सदस्यीय विधानसभा में 12 मंत्रियों की सीमा तय की गई थी, लेकिन हरियाणा में 90 विधायक होने पर भी 13 मंत्रियों के गठन के बाद छत्तीसगढ़ में भी यह मांग उठने लगी थी। केंद्र से अनुमति मिलने के बाद अब छत्तीसगढ़ में भी 13 मंत्री हो गए हैं।
शपथ ग्रहण समारोह में दिखा गरिमामय नजारा
राजभवन का दरबार हॉल इस मौके पर पूरी तरह भव्यता में तब्दील था। मंच पर राज्यपाल रामेन डेका ने तीनों विधायकों को मंत्री पद की शपथ दिलाई। तीनों ने ईश्वर के नाम पर शपथ ली। समारोह में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने नए मंत्रियों का स्वागत किया और कहा कि इन चेहरों के जुड़ने से सरकार और मजबूत होगी। बीजेपी के वरिष्ठ नेता, सांसद, विधायक और कई सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि भी मौजूद थे। जनता के बीच भी उत्साह देखने को मिला, खासकर उन क्षेत्रों से जहां से ये विधायक आते हैं।
राजनीतिक समीकरण साधने की कोशिश
मंत्रिमंडल में इन तीन चेहरों को शामिल करना भाजपा की रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है। राजेश अग्रवाल मारवाड़ी समाज से आते हैं और व्यापारिक तबके के बड़े प्रतिनिधि हैं। गजेंद्र यादव ने दुर्ग शहर से पूर्व मुख्यमंत्री मोतीलाल वोरा के बेटे अरुण वोरा को हराकर बड़ा धमाका किया। वहीं खुशवंत साहेब सतनामी समाज के युवा नेता हैं और इस समाज की गहरी पकड़ रखते हैं। ऐसे में क्षेत्रीय, जातीय और राजनीतिक संतुलन साधने के लिहाज से ये तीनों चेहरे भाजपा की नई टीम को मजबूती देने वाले माने जा रहे हैं।
विष्णुदेव साय मंत्रिपरिषद हुई और ताकतवर
छत्तीसगढ़ में अब कुल 13 मंत्रियों का मंत्रिपरिषद है। इसमें अनुभवी नेताओं के साथ-साथ नए चेहरों को भी जगह दी गई है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा है कि उनकी सरकार सबका साथ-सबका विकास की सोच के साथ काम कर रही है और नए मंत्रियों की जिम्मेदारी प्रदेश के विकास को और आगे बढ़ाना होगा। माना जा रहा है कि आने वाले समय में विभागों का बंटवारा कर इन्हें महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां सौंपी जाएंगी।

राजेश अग्रवाल का राजनीतिक सफर
अंबिकापुर सीट से विधायक बने राजेश अग्रवाल का राजनीतिक सफर संघर्षपूर्ण रहा है। व्यवसायिक परिवार से ताल्लुक रखने वाले अग्रवाल पहले उपसरपंच और नगर पंचायत अध्यक्ष रह चुके हैं। 2002 से राजनीति में सक्रिय अग्रवाल ने इस बार बड़ा धमाका कर दिया। उन्होंने अपने ही राजनीतिक गुरु और प्रदेश के डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव को मात दी। जीत का अंतर बेहद कम रहा, सिर्फ 94 वोटों से, लेकिन इसने उन्हें प्रदेश की राजनीति का बड़ा चेहरा बना दिया। मारवाड़ी समाज में उनकी गहरी पकड़ है, जो अब मंत्री पद पर उनकी नई भूमिका को और मजबूत करेगी।

गजेंद्र यादव का जनाधार और जीत
दुर्ग शहर से विधायक गजेंद्र यादव ने कांग्रेस के दिग्गज नेता अरुण वोरा को करारी शिकस्त दी। यह जीत सिर्फ चुनावी जीत नहीं थी बल्कि कांग्रेस के मजबूत गढ़ में भाजपा के लिए बड़ी सेंध थी। गजेंद्र यादव की साफ-सुथरी छवि और जनता से गहरे जुड़ाव ने उन्हें भारी बहुमत दिलाया। उन्होंने 48,697 वोटों के अंतर से जीत हासिल की, जो छत्तीसगढ़ के हालिया चुनावों की सबसे बड़ी जीतों में से एक मानी गई। वे आरएसएस से जुड़े रहे हैं और संगठन में भी सक्रिय भूमिका निभाते रहे हैं। मंत्री बनने के बाद उनसे प्रदेश के शहरी क्षेत्रों और खासकर दुर्ग-बिलासपुर जोन में भाजपा को मजबूती मिलने की उम्मीद है।

खुशवंत साहेब की ऐतिहासिक जीत
आरंग से विधायक खुशवंत साहेब ने कांग्रेस के कद्दावर नेता और मंत्री शिव डहरिया को मात देकर सबको चौंका दिया। 37 वर्षीय साहेब सतनामी समाज के धर्मगुरु गुरु बलदास गोसाई के बेटे हैं। समाज में उनकी गहरी पकड़ और युवा ऊर्जा ने चुनाव में बड़ा असर दिखाया। उन्होंने 16,538 वोटों के अंतर से ऐतिहासिक जीत दर्ज की। साहेब को मंत्री बनाए जाने से न केवल सतनामी समाज में भाजपा की पकड़ मजबूत होगी, बल्कि युवा राजनीति को भी नया चेहरा मिलेगा ।