राजपत्रिका : लापरवाही से कार चलाकर गंभीर चोट पहुँचाने वाले रायगढ़ निवासी अभिषेक दिव्य उर्फ छोटू को न्यायिक दंडाधिकारी ने सुनाई 6 माह की सजा और अर्थदंड

जांजगीर चांपा : न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी न्यायालय जांजगीर की न्यायाधीश अंजू कंवर ने सड़क हादसे में गंभीर चोट पहुँचाने वाले रायगढ़ निवासी आरोपी अभिषेक दिव्य उर्फ छोटू को दोषी पाते हुए सजा सुनाई है। आरोपी को 06 माह का कठोर कारावास और अर्थदंड की सजा दी गई है। अर्थदंड की राशि अदा न करने पर उसे अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा ।
घटना का विवरण
यह मामला 12 मार्च 2023 का है। ग्राम सराईपाली थाना बाराद्वार निवासी प्रार्थीया गायत्री देवी अपने पति जमुनादास बैरागी के साथ पीथमपुर मंदिर दर्शन करने मोटरसाइकिल से जा रही थी। जैसे ही वे पीथमपुर पुल से आगे बढ़े, आरोपी अभिषेक दिव्य अपनी कार क्रमांक यूजे 3177 को तेज और लापरवाही पूर्वक चलाते हुए उनके पीछे से टक्कर मार दिया। दुर्घटना में दंपति सड़क पर गिर पड़े। जमुनादास बैरागी को हाथ-पैर में गंभीर चोटें आईं और घुटने की कटोरी टूट गई।
हादसे के बाद आरोपी हुआ फरार
टक्कर मारने के बाद आरोपी कुछ देर घटनास्थल पर रुका, लेकिन फिर मौके से फरार हो गया। घायलावस्था में प्रार्थीया ने राहगीरों की मदद से पति को जिला चिकित्सालय जांजगीर पहुँचाया, जहाँ लंबे समय तक भर्ती रहकर उनका इलाज हुआ। बाद में प्रार्थीया गायत्री देवी ने थाना जांजगीर में रिपोर्ट दर्ज कराई।
पुलिस विवेचना और चालान
मामले की सूचना पर थाना जांजगीर ने कार क्रमांक यूजे 3177 के चालक के खिलाफ धारा 279 और 338 भादवि के तहत अपराध पंजीबद्ध किया। विवेचना के दौरान यह साबित हुआ कि हादसे के समय वाहन रायगढ़ निवासी अभिषेक दिव्य उर्फ छोटू पिता धनंजय दिव्य (उम्र 28 वर्ष, वार्ड क्रमांक 27, प्राची विहार कॉलोनी, थाना चक्रधर नगर) चला रहा था। पुलिस ने आरोपी के विरुद्ध चालान तैयार कर न्यायालय में प्रस्तुत किया ।
अदालत का फैसला
सभी गवाहों के परीक्षण और प्रतिपरीक्षण के बाद न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी न्यायालय जांजगीर की न्यायाधीश अंजू कंवर ने आरोपी अभिषेक दिव्य को दोषी करार दिया। उन्हें धारा 279 भादवि में 03 माह कठोर कारावास और धारा 338 भादवि में 06 माह कठोर कारावास व अर्थदंड की सजा सुनाई गई। साथ ही अर्थदंड न भरने पर पृथक से कारावास भुगतने का आदेश दिया गया । मामले में शासन की ओर से सहायक जिला अभियोजन अधिकारी एस. अग्रवाल ने पैरवी की और आरोपी को दोषसिद्ध कराकर सजा दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई ।