जांजगीर चांपा

राजपत्रिका : हाइवा की टक्कर से युवक की मौत, पोस्टमार्टम से इनकार पर बीडीएम अस्पताल में हंगामा, उच्च अधिकारियों के दखल से शांत हुआ मामला

जांजगीर चांपा : चांपा के गेमन पुल पर बीती रात तेज़ रफ्तार हाइवा ने बाइक सवार युवक को टक्कर मार दी जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। घटना के बाद शव को बीडीएम अस्पताल लाया गया, लेकिन डॉक्टर द्वारा पोस्टमार्टम से इनकार करने पर परिजनों में आक्रोश फूट पड़ा। हंगामे के बाद अधिकारियों के हस्तक्षेप से डॉक्टर ने पोस्टमार्टम किया। इस घटना ने अस्पताल में लापरवाही और जवाबदेही की कमी को उजागर किया है।

गेमन पुल पर हाइवा की चपेट में आया युवक, मौके पर ही मौत

27 वर्षीय अरविंद यादव, निवासी बहेराडीह, अपनी बाइक से जा रहा था जब गेमन पुल पर उसे तेज़ रफ्तार हाइवा ने टक्कर मार दी। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि युवक की मौके पर ही मौत हो गई। सिर में गंभीर चोट लगने से खून अधिक बह गया था। सूचना पर चांपा पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शव को बीडीएम अस्पताल पहुंचाया और हाइवा वाहन को ज़ब्त कर लिया।

बीडीएम अस्पताल में डॉक्टर ने किया पोस्टमार्टम से इनकार, भड़के परिजन

सुबह जब शव का पोस्टमार्टम कराने की बारी आई, तो बीडीएम अस्पताल में पदस्थ डॉ. मनीष श्रीवास्तव ने पोस्टमार्टम करने से मना कर दिया। इससे मृतक के परिजनों में ग़ुस्सा भड़क उठा और अस्पताल परिसर में जमकर हंगामा हुआ। परिजनों ने डॉक्टर पर लापरवाही और असंवेदनशीलता का आरोप लगाया। भीड़ जुटने लगी और मामला तनावपूर्ण हो गया।

टीआई और तहसीलदार के हस्तक्षेप से शांत हुआ मामला, सुरक्षा में हुआ पोस्टमार्टम

स्थिति बिगड़ते देख चांपा थाना प्रभारी जे.पी. गुप्ता और तहसीलदार प्रशांत सर मौके पर पहुंचे। उन्होंने परिजनों को समझाया और डॉक्टर से बात की। उच्च अधिकारियों द्वारा निर्देश और फटकार के बाद डॉक्टर ने पोस्टमार्टम किया। परिजनों के उग्र रवैये को देखते हुए डॉक्टर को सुरक्षा के साथ पोस्टमार्टम रूम से अस्पताल तक लाया गया। बाद में डॉक्टर अस्पताल छोड़कर अपनी निजी क्लिनिक चले गए।

बीडीएम अस्पताल में डॉक्टरों की लापरवाही बनी आम शिकायत

स्थानीय लोगों का कहना है कि बीडीएम अस्पताल में डॉक्टरों की अनुपस्थिति और लापरवाही लगातार बनी हुई है यहां तक कि निरीक्षण की सूचना डॉक्टरों को पहले से मिल जाती है, जिससे वे समय पर अस्पताल पहुंचकर वास्तविक स्थिति को छुपा लेते हैं लंबे समय से डॉक्टरों और स्टाफ के खिलाफ शिकायतें मिलती रही हैं लेकिन प्रशासनिक कार्रवाई नहीं होने से स्थिति जस की तस बनी हुई है ।

जांच के नाम पर खानापूर्ति, अस्पताल प्रबंधन पर उठे सवाल

इस घटना ने एक बार फिर अस्पताल प्रबंधन की गंभीर खामियों को उजागर कर दिया है। परिजनों की पीड़ा और हंगामा टालने के लिए तत्कालिक कार्रवाई जरूर की गई, लेकिन स्थायी समाधान की दिशा में अब भी कोई पहल नहीं दिख रही। आम नागरिकों की जान की कीमत और मेडिकल सेवाओं की जवाबदेही जैसे मुद्दों पर सवाल खड़े हो रहे हैं।

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