राजपत्रिका : कार्यस्थल पर महिलाओं की सुरक्षा के लिए अनिवार्य है POSH समिति, 29 उद्योगों ने नहीं किया पालन, लगेगा 50 हजार तक जुर्माना

जांजगीर-चांपा : जिले में कार्यस्थल पर महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने वाले पीओएसएच अधिनियम 2013 के पालन में भारी लापरवाही सामने आई है। जिले की जिला कार्यक्रम अधिकारी अनिता अग्रवाल ने बताया कि जिले के 29 निजी उद्योगों ने अब तक आंतरिक शिकायत समिति (Internal Complaint Committee) का गठन नहीं किया है, जो कि अधिनियम की अनिवार्य शर्त है। इस उल्लंघन पर संबंधित संस्थानों को ₹50,000 तक का आर्थिक दंड भुगतना पड़ सकता है। अधिकारी ने स्पष्ट किया कि यह समिति महिलाओं को यौन उत्पीड़न से सुरक्षा प्रदान करने और उनकी शिकायतों के निवारण के लिए आवश्यक है।
अधिनियम की मुख्य शर्तों की जानकारी दी गई
जिला कार्यक्रम अधिकारी अनिता अग्रवाल ने बताया कि ‘महिलाओं का कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीड़न (निवारण, प्रतिषेध और प्रतितोष) अधिनियम, 2013’ की धारा 4(1) के अनुसार, हर उस संस्था में जहां 10 या उससे अधिक कर्मचारी कार्यरत हैं, वहां आंतरिक शिकायत समिति का गठन अनिवार्य है। यह समिति कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न जैसी घटनाओं को रोकने और समय पर समाधान के लिए बनी होती है। यदि कोई संस्था इस समिति का गठन नहीं करती, तो धारा 26(1) के तहत उस पर ₹50,000 तक जुर्माना लगाया जा सकता है।
महिला एवं बाल विकास विभाग ने किया पत्राचार
महिला एवं बाल विकास विभाग ने इस अधिनियम के पालन के लिए जिला व्यापार एवं उद्योग केंद्र चांपा के माध्यम से जिले की औद्योगिक इकाइयों को पत्र प्रेषित किया था। उन्हें समिति गठन के लिए आवश्यक आदेश पत्र की प्रतिलिपि विभाग को उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया। इसके बावजूद अधिकांश इकाइयों ने निर्देशों का पालन नहीं किया।
इन 29 उद्योगों पर लग सकता है दंड
जिन 29 इकाइयों द्वारा समिति का गठन नहीं किया गया, उनमें महामाया राईस मिल, मॉ कृपा राईस मिल, ओकार एग्रोटेक, एस.के. फ्लाई एस ब्रिक्स, चांपा ब्रिक्स, सावित्री देवी पलाई एस ब्रिक्स, जगमोहन टाईल्स, मानकी इंडस्ट्रीज, भवानी ब्रिक्स, अर्नव एग्रोटेक, श्री बालाजी ब्रिक्स, शिवा ब्रिक्स, बालाजी इंडस्ट्रीज, जय संतोषी फ्लाई एस ब्रिक्स, चौंपियन रेफाटेक प्रा.लि., श्री कृष्णा इंडस्ट्रीज, मों अंबिका पलाई एस ब्रिक्स, पवनसूत एग्रो इंडस्ट्रीज, चैंपियन सेरामिक प्रा.लि., ओम राईस मिल, राघव इंडस्ट्रीज, रसीक बिहारी फूड प्रा.लि., शिव शंकर राईस मिल, तिलक एजेंसी, आर.के.डी. फ्लोरिस राईस मिल, महाराजा ट्रेडिंग कंपनी, चैंपियन मैग्नासाइट प्रा.लि., गिरीराज पैड्डी प्रोसेसर और श्री राधे इंडस्ट्रीज शामिल हैं।
चेतावनी : पालन नहीं करने पर होगी सख्त कार्रवाई
जिला कार्यक्रम अधिकारी ने स्पष्ट निर्देश दिया है कि उक्त सभी संस्थानों को तत्काल आंतरिक शिकायत समिति का गठन करना होगा और उसका आदेश पत्र कार्यालय को प्रस्तुत करना अनिवार्य होगा। यदि आदेश का पालन नहीं हुआ, तो संबंधित उद्योगों के खिलाफ अधिनियम की धारा 26(1) के तहत जुर्माना लगाया जाएगा और अन्य कानूनी कार्रवाई भी की जा सकती है।
पीओएसएच अधिनियम क्या है?
POSH (Prevention of Sexual Harassment) अधिनियम 2013 का उद्देश्य महिलाओं को कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न से बचाना है। इसमें निवारण, रोकथाम और समाधान तीनों पहलू शामिल हैं। इस कानून के तहत 10 या अधिक कर्मचारियों वाली प्रत्येक संस्था को आंतरिक शिकायत समिति बनानी होती है।