राजपत्रिका : 8 साल के बालक के अपहरण का मामला सुलझा, चचेरे भाई समेत तीन आरोपी गिरफ्तार

जांजगीर चांपा : जिले के थाना मुलमुला क्षेत्र से अपहृत 8 वर्षीय बालक को पुलिस ने 48 घंटे के भीतर सकुशल बरामद कर लिया। सायबर टीम और थाना मुलमुला पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में आरोपी चचेरा भाई और उसके दो साथी पकड़े गए। पुराना जमीन विवाद और फिरौती की योजना इस घटना के पीछे कारण निकला। पुलिस ने गहन जांच, सीसीटीवी फुटेज और हजारों मोबाइल नंबरों की तकनीकी जांच के बाद मामले का खुलासा किया।
अपहरण की वारदात और पुलिस में रिपोर्ट
25 अगस्त की शाम 5 बजे ग्राम लगरा का एक 8 वर्षीय बच्चा अचानक लापता हो गया। गुमशुदगी की सूचना पर थाना मुलमुला में अपराध दर्ज कर विवेचना शुरू की गई। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक विजय कुमार पांडेय ने तत्काल थाना प्रभारी मुलमुला को जांच के निर्देश दिए और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक उमेश कुमार कश्यप के मार्गदर्शन में सायबर टीम को सक्रिय किया गया।
गांव के रास्तों और सीसीटीवी कैमरों की जांच में पता चला कि बच्चे को आखिरी बार दोपहर 2 बजे देखा गया था। इसके बाद वह कहीं नजर नहीं आया। गांव से बाहर जाने वाले मार्गों की फुटेज में बच्चे की कोई गतिविधि नहीं मिली, जिससे पुलिस को अपहरण की आशंका गहरी हुई।
जांच में मिला चचेरे भाई का सुराग
तकनीकी जांच और करीब 100 सीसीटीवी फुटेज खंगालने के बाद पुलिस को बच्चे के चचेरे भाई राहुल टंडन पर शक हुआ। उसका वाहन टेम्पो ट्रेक्स घटना के समय लगातार मूवमेंट में पाया गया। शुरूआत में उसने गुमराह करने की कोशिश की, परन्तु पूछताछ में विरोधाभास मिलने पर कड़ाई से पूछताछ हुई। तब राहुल ने खुलासा किया कि उसने अपने दोस्त प्रशांत मैना और उमेश दिवाकर के साथ मिलकर अपहरण की साजिश रची थी।
पुराने जमीन विवाद और पैसों के लालच में तीनों ने बच्चे को अगवा करने और 10 लाख की फिरौती मांगने की योजना बनाई थी। इससे पहले भी राहुल ने एक बार बच्चे को बहलाकर ले जाने की कोशिश की थी, लेकिन असफल रहा।
अपहरण की पूरी योजना और बरामदगी
घटना के दिन राहुल ने अपने चचेरे भाई को टेम्पो में बैठाकर पोल्ट्री फार्म से नावागांव तक पहुंचाया। वहां से उसके साथी प्रशांत और उमेश ने दूसरे वाहन में बच्चे को ले जाकर गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले के करियाम इलाके में छिपा दिया। इसके बाद आरोपी बार-बार स्थान बदलते रहे ताकि पुलिस को गुमराह कर सकें।
हालांकि सायबर टीम की सक्रियता, मोबाइल लोकेशन ट्रेसिंग और लगातार दबाव के कारण पुलिस ने 48 घंटे के भीतर बच्चे को सकुशल बरामद कर लिया। आरोपियों से घटना में प्रयुक्त दो टेम्पो ट्रेक्स और गामा तूफान वाहन भी जब्त किए गए।
आरोपियों की गिरफ्तारी और पुलिस की भूमिका
गिरफ्तार आरोपियों में राहुल टंडन (25 वर्ष, ग्राम लगरा), प्रशांत मैना (19 वर्ष, ग्राम खपरी) और उमेश दिवाकर उर्फ ननकी (19 वर्ष, ग्राम खपरी) शामिल हैं। पुलिस जांच के दौरान राहुल ने खुद को सहयोगी दिखाकर जांच को गुमराह करने की कोशिश की थी, लेकिन अंततः सच्चाई सामने आ गई।
इस सफलता में थाना प्रभारी मुलमुला निरीक्षक पारस पटेल, सायबर प्रभारी निरीक्षक सागर पाठक सहित कई जवानों की महत्वपूर्ण भूमिका रही। पुलिस अधीक्षक ने पूरी टीम की सराहना की और इसे जिले के लिए बड़ी उपलब्धि बताया।