राजपत्रिका : पिता से छेड़छाड़ के डर से बेटी को 20 साल तक रखा कैद

बस्तर : बस्तर से एक रुह कंपा देने वाली खबर सामने आई है। जहां छेड़छाड़ के डर से बेटी को पूरे 20 साल तक अंधेरी कोठरी में बंद रखा गया, जिसके कारण उसकी दृष्टि भी चली गई। समाज कल्याण विभाग ने उसका रेस्क्यू किया और अब आश्रम में उसकी देखभाल की जा रही है। इस खबर ने पूरे समाज को झकझोर दिया है। न रोशनी, न खुली हवा और न ही दुनिया से कोई संपर्क। यह हालत थी लीसा की पूरे 2 दशक तक। बकावंड ब्लाक की बस्ती के ही रहने वाले युवक पर लीसा के परिजनों को शक था और यही उसके लिए कैद की कहानी बन गई।
घर की चाहरदीवारी और उसके अंदर एक अंधेरी कोठरी, जहां मजबूरन लीसा को 2 दशक बिताने पड़े। परिजनों के डर ने लीसा से उसका बचपन, उसकी जवानी और सबसे अहम उसकी दृष्टि तक छीन ली। रेस्क्यू के बाद युवती को सबसे पहले मेडिकल कालेज हास्पिटल पहुंचाया गया। जहां मेडिकल जांच के बाद पता चला कि आंखों की रोशनी वापस आने की संभावना बहुत कम है। फिलहाल युवती को कोलचूर के आश्रम में रखा गया है।
जहां न सिर्फ उसकी देखभाल की जा रही है, बल्कि सालों की मानसिक और भावनात्मक चोटों को भरने की कोशिश भी हो रही है। प्रशासन ने परिवार से पूछताछ शुरू कर दी है। कानूनी कार्रवाई की भी बात हो रही है। सवाल बड़ा है कि डर की आड़ में पैदा हुई ये घुटन क्या किसी के जीवन का 20 साल ले सकती है? कभी सुरक्षा के नाम पर तो कभी समाज की नजरों से बचाने के नाम पर, लेकिन अंत में सबसे ज़्यादा कीमत उस मासूम ने चुकाई, जिसकी दुनिया 20 साल पहले उसी अंधेरी कोठरी में कैद होकर रह गई।




