जांजगीर चांपा

राजपत्रिका : दिनदहाड़े नदी से रेत लूट, खनिज विभाग मूकदर्शक केवा नवापारा में 3-3 जेसीबी से हाइवा में हो रहा खुलेआम अवैध उत्खनन

जांजगीर चांपा  :  जिले के नवागढ़ ब्लॉक के केवा और नवापारा इलाके में रेत माफिया खुलेआम दिनदहाड़े नदी से रेत निकाल रहे हैं तीन-तीन जेसीबी मशीनें नदी के भीतर चलाकर सीधे हाइवा में रेत भरती नजर आती हैं यह पूरा खेल अधिकारियों की नाक के नीचे चल रहा है, लेकिन खनिज विभाग खामोश है अवैध उत्खनन इतना साफ नजर आता है कि चार किलोमीटर दूर से हाइवा लोडिंग दिख जाती है, फिर भी विभाग के अधिकारी पास से गुजरते हुए भी कुछ नहीं देख पाते । इस पूरे प्रकरण ने खनिज विभाग की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर दिए हैं अवैध उत्खनन को लेकर न तो कोई निगरानी टीम सक्रिय है और न ही कोई स्थायी जांच व्यवस्था विभाग की सुस्ती और माफियाओं की चालाकी ने मिलकर पूरे सिस्टम को खोखला कर दिया है अब देखना यह होगा कि उच्चाधिकारियों की नज़र इस खुली लूट पर कब पड़ती है या यह सिलसिला इसी तरह चलता रहेगा ।

इस प्रकार खुलेआम हो रही अवैध उत्खनन

दिखावे की कार्रवाई, रेत माफिया बेखौफ

खनिज विभाग द्वारा समय-समय पर की जाने वाली कार्रवाई महज दिखावे की बनकर रह गई है विभाग कुछ ट्रैक्टर या एक-दो छोटे वाहन पकड़कर अपनी खानापूर्ति करता है, ताकि यह संदेश जा सके कि कार्रवाई हो रही है लेकिन हकीकत यह है कि रोजाना सैकड़ों हाइवा रेत लेकर बिलासपुर और कोरबा की ओर रवाना हो रहे हैं स्थानीय लोगों का कहना है कि इतनी बड़ी आवाजाही के बावजूद कोई स्थायी रोक या ठोस कार्रवाई नहीं की जाती ।

रेत माफिया बोले ” खनिज विभाग में हैं हमारे आदमी “

रेत कारोबारियों के हौसले इतने बुलंद हैं कि वे खुद खुलेआम दावा करते हैं कि खनिज विभाग में उनके लोग बैठे हैं उनका कहना है कि जैसे ही विभाग से अधिकारी निकलते हैं, उन्हें पहले से खबर लग जाती है तब तक सारा अवैध सामान हटाकर वे मौके से गायब हो जाते हैं यह गठजोड़ अब सार्वजनिक रहस्य बन चुका है, जिससे अवैध खनन को रोकना लगभग नामुमकिन हो गया है ।

शिकायत करने पर भी नहीं होती कार्रवाई

स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि जब वे खनिज विभाग को फोन करके शिकायत करते हैं, तो अधिकारी सिर्फ इतना जवाब देते हैं कि माइनिंग से दो गाड़ियां भर के अधिकारी निकली हैं लेकिन सोचने वाली बात यह है कि उन दो गाड़ियों से एक भी हाइवा पकड़ में नहीं आती ग्रामीणों का कहना है कि वे रोजाना इस अवैध रेत लूट के गवाह बनते हैं, लेकिन प्रशासन की चुप्पी ने माफियाओं को और हिम्मत दी है ।

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