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राजपत्रिका : सक्ती :चबूतरे पर लटका भविष्य, साड़ी के पर्दे में कैद जर्जर आंगनबाड़ी


सक्ती : जिले के ग्राम मोहतरा में आंगनबाड़ी केंद्र क्रमांक 1 की हालत इतनी खराब है कि सुनकर आप हैरान रह जाएंगे। केंद्र की बिल्डिंग पूरी तरह जर्जर हो चुकी है… दीवारें टूट चुकी हैं… और मजबूरी में बच्चों की कक्षाएं गांव की एक घर के चबूतरे पर साड़ी का पर्दा लगाकर चलाई जा रही हैं।

दरअसल जिले में बच्चों का भविष्य… चबूतरे पर टंगा है! जहां मासूमों को पोषण और शिक्षा मिलनी चाहिए, वहाँ साड़ी का पर्दा लगा कर चल रहा है पूरा आंगनबाड़ी केंद्र!”


नियमों के मुताबिक आंगनबाड़ी केंद्रों में सुरक्षित बिल्डिंग, साफ-सफाई और बच्चों के लिए सुविधाएँ अनिवार्य है। लेकिन मोहतरा गांव आंगनवाड़ी केंद्र की स्थिति इन सभी मानकों को नज़र अंदाज़ करती दिखाई देती है।


आप को बात दे कि सबसे बड़ी हैरानी यही है…कि बच्चे किस हाल में चार साल से पढ़ रहे हैं, और ज़िले का एक भी अधिकारी इन मासूमों को देखने तक नहीं आया!”

वही आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की भी मजबूरियाँ हैं। उनका कहना है कि भवन न होने से गांव के एक घर के चबूतरा में 4 साल से आंगनबाड़ी के छोटे-छोटे बच्चे पढ़ रहे हैं जिससे काम प्रभावित हो रहा है, और मौसम बदलते ही बच्चों की सुरक्षा सबसे बड़ा खतरा बन जाती है.

वहीं विभागीय अधिकारियों का कहना है कि पंचायत के सहयोग से जल्द ही बच्चों के लिए बेहतर जगह और सुविधाओं की व्यवस्था की जाएगी। विभाग ने आश्वासन दिया है कि बच्चों को सुरक्षित और अनुकूल माहौल देना उनकी प्राथमिकता है।

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