
रायपुर : छत्तीसगढ़ ड्राइवर महासंघ ने अपनी 11 सूत्रीय मांगों को लेकर शनिवार से “स्टेयरिंग छोड़ो, चक्का जाम आंदोलन” की घोषणा कर दी है. महासंघ ने साफ चेतावनी दी है कि जब तक सरकार उनकी मांगों को पूरा नहीं करती, तब तक यह हड़ताल जारी रहेगी और प्रदेशभर में कोई भी यात्री या मालवाहक वाहन सड़कों पर नहीं उतरेंगे. संगठन के सदस्यों ने पहले चक्काजाम करने की कोशिश की, लेकिन पुलिस की समझाइश के बाद वे सड़क किनारे धरना देने लगे.
गरियाबंद में भी ड्राइवरों का अनिश्चितकालीन हड़ताल
गरियाबंद में भी आज सुबह छत्तीसगढ़ ड्राइवर महासंगठन के अनिश्चितकालीन हड़ताल का असर देखने को मिल रहा है. नेशनल हाईवे 130 सी डोहेल के पास बड़ी संख्या में ड्राइवर एकजुट हुए हैं. ड्राइवर संघ के पदाधिकारी क्षेत्रमोहन ने बताया कि वह सरकार से शांतिपूर्ण तरीके से अपना अधिकार मांग रहे हैं. यह अधिकार हमारे ड्राइवर भाइयों के लिए है.
क्या है प्रमुख मांगें ?
ड्राइवरों की मुख्य मांगों में प्रदेश में पूर्ण शराबबंदी लागू करने, ड्राइवर आयोग और ड्राइवर वेलफेयर बोर्ड के गठन, कमर्शियल लाइसेंस पर बीमा की व्यवस्था, दुर्घटना में मृत्यु होने पर 10 लाख रुपये और अपंगता की स्थिति में 5 लाख रुपये की सहायता राशि देने की मांग शामिल है.
इसके अलावा चालक हेल्थ कार्ड, 55 वर्ष की आयु पूरी होने पर पेंशन, ड्राइवरों के बच्चों को शिक्षा और नौकरी में आरक्षण, राज्य के सभी जिलों में ड्राइवर स्मारक निर्माण और ड्राइवरों के साथ मारपीट या लूट की घटना पर पांच वर्ष तक के कठोर दंड का प्रावधान करने जैसी मांगें भी रखी गई हैं.
प्रदेशभर में लगभग 60 हजार ड्राइवरों का हड़ताल को समर्थन
ड्राइवरों का कहना है कि लंबे समय मांग पत्र सौंपे जा चुके हैं, लेकिन अब तक किसी स्तर पर ठोस कार्रवाई नहीं की गई. इस कारण मजबूर होकर उन्हें सड़क पर उतरना पड़ा है. अब उनकी मांगे पूरी नहीं होने तक उनका आंदोलन जारी रहेगा. ड्राइवर महासंघ ने दावा किया है कि प्रदेशभर में करीब 50 से 60 हजार ड्राइवर संगठन से जुड़े हुए हैं और सभी ने एकजुट होकर इस हड़ताल का समर्थन किया है. राजधानी रायपुर सहित पूरे प्रदेश में हड़ताल का व्यापक असर देखने को मिल सकता है, जिससे परिवहन और आपूर्ति व्यवस्था प्रभावित होने की संभावना है.




