राजपत्रिका : पिता का कर्ज चुकाने बीमा राशि पाने के लिए युवक ने रची खुद के मौत की झूठी कहानी, पुलिस ने किया पर्दाफाश

जांजगीर चांपा : जिले में बीमा राशि पाने के लिए खुद की मौत की झूठी कहानी रचने वाले युवक कौशल श्रीवास का राज खुल गया है । युवक ने अपने पिता का कर्ज चुकाने की मजबूरी बताते हुए यह साजिश रची थी, लेकिन सायबर टीम और पामगढ़ पुलिस की सतर्कता ने पूरी कहानी का भंडाफोड़ कर दिया । 19 अगस्त को कौशल श्रीवास के पिता तिलकराम श्रीवास ने थाना पामगढ़ में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि उनका बेटा शाम को घर से निकला था और देर रात तक नहीं लौटा । शिवनाथ नदी के पैसर घाट पर उसका मोटरसाइकिल, जूता और मोबाइल बरामद हुआ । इससे परिवार और गांव में यह आशंका गहराई कि युवक नदी में बह गया होगा । पुलिस ने तत्काल जांच शुरू की और मौके से बरामद सामान को कब्जे में लेकर खोजबीन तेज कर दी ।
सायबर टीम ने पकड़ा सुराग
जांच में सायबर टीम को सुराग मिला कि युवक ने अपने एक दोस्त को इंस्टाग्राम पर मैसेज भेजकर खुद के सुरक्षित होने की जानकारी दी है। इसके बाद जांच का फोकस बदल गया। 23 अगस्त को उसके भाई को बिलासपुर रेलवे स्टेशन से एक अज्ञात नंबर से फोन आया, जिसमें खुद को कौशल श्रीवास बताया गया। पुलिस ने तत्काल स्टेशन और आसपास में खोजबीन शुरू कर दी। मुखबिर की सूचना पर आखिरकार कौशल को तोरवा बिलासपुर से सकुशल बरामद कर लिया गया।
पिता के कर्ज से दबाव में था युवक
पूछताछ में कौशल श्रीवास ने बताया कि उसके पिता पर लाखों रुपये का कर्ज था और वह इस बोझ से बेहद परेशान था। परिवार की आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण उसने बीमा राशि पाने के लिए खुद को मृत साबित करने की योजना बनाई। उसका जीवन बीमा 40 लाख रुपये का था। इसी रकम से पिता का कर्ज चुकाने की योजना थी। इसके लिए उसने पैसर पुल पर दुर्घटना और नदी में बह जाने की कहानी बनाई और खुद बिलासपुर होते हुए दिल्ली-फरीदाबाद तक पहुंच गया।
पुलिस कार्रवाई और आगे की कानूनी प्रक्रिया
गुमशुदगी की झूठी रिपोर्ट दर्ज कराकर पुलिस, परिवार और पूरे गांव को गुमराह करने पर कौशल श्रीवास के खिलाफ वैधानिक कार्रवाई की जाएगी। इस मामले में पुलिस अधीक्षक विजय कुमार पाण्डेय के निर्देशन और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक उमेश कुमार कश्यप के मार्गदर्शन में सायबर टीम और थाना पामगढ़ पुलिस ने त्वरित और सराहनीय भूमिका निभाई। पुलिस का मानना है कि युवक की यह हरकत न केवल कानूनन अपराध है बल्कि परिवार और समाज को मानसिक पीड़ा देने वाली भी है ।