जांजगीर चांपा

राजपत्रिका : ‘मोर गांव मोर पानी’ अभियान से जल संरक्षण को नई दिशा, जनभागीदारी से जिले में बन रहे हजारों सोखता गड्ढे

जांजगीर-चांपा : जिले में ‘मोर गांव मोर पानी’ अभियान के तहत जल संरक्षण को लेकर जनजागरूकता और भागीदारी से बड़े पैमाने पर सोखता गड्ढों का निर्माण किया जा रहा है। हैंडपंपों और अन्य जल स्रोतों के पास बनाए जा रहे इन गड्ढों से न सिर्फ अतिरिक्त पानी भूमि में समाहित हो रहा है, बल्कि भूजल स्तर में सुधार की दिशा में भी यह एक महत्वपूर्ण कदम बनकर उभरा है।

कलेक्टर और जिला पंचायत सीईओ की अगुवाई में चल रहा अभियान

कलेक्टर जन्मेजय महोबे और जिला पंचायत सीईओ गोकुल रावटे के नेतृत्व में जिले की सभी जनपद पंचायतों में ग्राम पंचायत स्तर पर यह कार्य युद्धस्तर पर जारी है। इसे केवल निर्माण कार्य नहीं, बल्कि एक दीर्घकालिक जल नीति के रूप में देखा जा रहा है।

गांव की ताकत से गांव की जल समस्या का समाधान

अभियान का उद्देश्य गांव के भीतर ही जल संरक्षण की स्थायी व्यवस्था करना है। ग्रामीणों की भागीदारी से यह प्रयास न सिर्फ पानी बचाने की दिशा में कारगर साबित हो रहा है, बल्कि इससे समाज में स्वावलंबन और संसाधनों के प्रति चेतना भी विकसित हो रही है।

महिला समूहों और मैदानी अमले की विशेष भूमिका

बिहान योजना की महिला सदस्याएं, ग्राम सचिव, रोजगार सहायक और विभागीय फील्ड स्टाफ इस अभियान में सक्रिय रूप से शामिल हैं। वे ग्रामीणों को जल स्रोतों की पहचान, संरक्षण और वर्षा जल संचयन के तरीकों की जानकारी देकर उन्हें सहभागिता के लिए प्रेरित कर रहे हैं।

साफ-सफाई, पुनरुद्धार और पौधारोपण को भी जोड़ा गया

तालाब, कुएं, नाले और बोरवेल जैसी संरचनाओं की सफाई, गहरीकरण और पुनरुद्धार का कार्य जनभागीदारी से हो रहा है। साथ ही जल शपथ, रैलियां, दीवार लेखन और पौधारोपण जैसे आयोजन भी लोगों को जोड़ने के लिए किए जा रहे हैं, जिससे यह अभियान केवल जल संरक्षण ही नहीं, बल्कि सामुदायिक जागरूकता का भी उदाहरण बन रहा है।

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