अहमदाबाद

राजपत्रिका : अहमदाबाद प्लेन हादसा : संयोग या फिर साजिश ? अमेरिका से आ गई बड़ी रिपोर्ट…

अहमदाबाद में एयर इंडिया का विमान टेकऑफ करते ही क्यों क्रैश हो गया। इस हादसे में 241 यात्रियों (क्रू समेत) मौत हो गई है। कुछ लोग इसे केवल हादसा मान रहे हैं तो कुछ इसको लेकर संदेह जाता रहे हैं। हालांकि, अब अमेरिका के मशहूर एविएशन एक्सपर्ट जॉन एम. कॉक्स ने बड़ा खुलासा किया है। कॉक्स के मुताबिक विमान के पुर्जे ठीक से कॉन्फिगर नहीं किए गए थे, इसलिए यह हादसा हुआ है।

एसोसिएटेड प्रेस से बात करते हुए कॉक्स ने कहा कि हादसे से संबंधित जो मैंने वीडियो देखे हैं, उससे यही लग रहा है कि पुर्जे ठीक से आकार नहीं ले पाया, जिसके कारण टेकऑफ होते ही विमान हादसे का शिकार हो गया। इस विमान ने 242 लोग सवार थे।

कॉक्स का बयान
वाशिंगटन डीसी स्थित सेफ्टी ऑपरेटिंग सिस्टम के सीईओ कॉक्स का कहना है एक जो गड़बड़ी मुझे देखने को मिल रही है, उसमें विमान के ऊपर चढ़ने के प्रयास के समय स्लैट्स और फ्लैप्स सही स्थिति में नहीं थे। इस बात की जांच होनी चाहिए।

कॉक्स ने आगे कहा- आप हादसे के वक्त की जो तस्वीर देखेंगे, उसमें प्लेन का अगला हिस्सा ऊपर की ओर उठता हुआ और फिर नीचे की ओर गिरता हुआ दिखाई दे रहा है। इसका मतलब है कि टेकऑफ के वक्त प्लेन प्रयाप्त लिफ्ट नहीं बना पा रहा था। जॉन एम.कॉक्स के मुताबिक स्लैट्स और फ्लैप्स को इस प्रकार रखा जाना चाहिए कि पंख कम गति पर अधिक लिफ्ट बना सके।

ब्लैक बॉक्स खोलेगा फाइनल राज
हादसे के बाद ब्लैक बॉक्स को सुरक्षित रखने की कवायद की गई है। कहा जा रहा है कि हादसे के असली कारण का खुलासा ब्लैक बॉक्स के जरिए ही होगा। ब्लैक बॉक्स को एफडीआर भी कहा जाता है। यह फ्लाइट के सभी डेटा को रिकॉर्ड करता है। भारत में विमान परिचालन का जिम्मा नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) के पास है। ऐसे में अब विमान हादसे की जांच भी डीजीसीए ही अपने हिसाब से करेगा।

कॉक्स का बयान अहम क्यों है?
कॉक्स अमेरिका के जाने-माने विमान सलाहकार हैं। यहीं पर बोइंग विमान बनाया जाता है. एयर इंडिया का जो विमान क्रैश हुआ है, वो बोइंग का ही था। ऐसे में कॉक्स के बात को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है।

कॉक्स के बयान के इतर अमेरिका ने कहा है कि अगर भारत सरकार से सहमति मिलती है तो हम इस हादसे की तह तक जाना चाहेंगे। अमेरिकी सरकार ने जांच का जिम्मा एनटीएसबी को सौंपा है। एनटीएसबी हर वर्ष लगभग 450 अंतर्राष्ट्रीय जांचों के साथ-साथ 2,000 से अधिक घरेलू दुर्घटनाओं की जांच में भी मदद करता है।

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