सूरजपुर

राजपत्रिका : पुलिस ने पीएसीएल चिटफण्ड कंपनी के 2 और डायरेक्टरों को किया गिरफ्तार

सूरजपुर :  चिटफण्ड कंपनी के विरूद्व लंबित मामलों के निराकरण में तेजी लाने एवं आरोपियों की गिरफ्तारी के निर्देश डीआईजी व एसएसपी सूरजपुर श्री प्रशांत कुमार ठाकुर ने दिए थे। इसी परिपेक्ष्य में थाना सूरजपुर पुलिस ने धोखाधड़ी व चिटफण्ड के धाराओं के तहत पंजीबद्ध 2 प्रकरणों में कंपनी के 2 डायरेक्टरों को गिरफ्तार किया है। वर्ष 2016 में ग्राम केतका निवासी कमल सिंह केराम एवं ग्राम गंगोटी, चौकी बसदेई निवासी रनमेत बाई ने थाना सूरजपुर में रिपोर्ट दर्ज कराया था कि पीएसीएल कंपनी के डायरेक्ट एवं अन्य लोगों के द्वारा पैसा दोगुना करने का प्रलोभन देकर रूपया जमा कराया गया जो मैच्यूरिटी अवधि पूर्ण होने पर भी पैसा वापस नहीं कर धोखाधड़ी किया गया।

दोनों ही मामलों की रिपोर्ट पर थाना सूरजपुर में क्रमश: अपराध क्रमांक 96/16 व अपराध क्रमांक 182/16 धारा 420, 120बी भादसं., 4,5,6 ईनामी चिट और धन परिचालन अधिनियम 1978, छ.ग. निक्षेपकों के हितों की संरक्षण अधिनियम 2005 की धारा 10 पंजीबद्ध कर विवेचना की गई। पूर्व में कंपनी के डायरेक्टर निर्मल सिंह भंगू, त्रिलोचन सिंह, सुखदेव सिंह व जोगेन्दर टाईगर को गिरफ्तार किया जा चुका है। डीआईजी व एसएसपी सूरजपुर प्रशांत कुमार ठाकुर ने चिटफण्ड के प्रकरणों में फरार आरोपियों की पतासाजी कर गिरफ्तार करने पुलिस टीम को लगाया था।

अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक संतोष महतो व सीएसपी एस.एस.पैंकरा के मार्गदर्शन में मामले की विवेचना के दौरान जानकारी मिली कि पीएसीएल कंपनी का डायरेक्टर दिल्ली में है जिसके बाद थाना सूरजपुर की पुलिस ने दबिश देकर कंपनी के डायरेक्टर आरोपी सुब्रोत भ_ाचार्य पिता स्व. बिरेश्वर उम्र 64 वर्ष निवासी एफ-19 साउथ सिटी-1 गुरूग्राम, थाना सेक्टर 40 जिला गुरूग्राम हरियाणा तथा गुरमीत पिता स्व. कुलवंत सिंह उम्र 60 वर्ष निवासी डीपी 9 मौर्या इलक्लेव प्रितमपुरा थाना मौर्या इनक्लेव दिल्ली नार्थ वेस्ट को पकड़ा।

पूछताछ पर आरोपियों ने बताया कि पीएसीएल कंपनी का डायरेक्टर थे और अन्य डायरेक्टर के साथ मिलकर निवेशकों के राशि को डबल करने का झांसा देकर धोखाधड़ी करते हुए सूरजपुर जिले के हजारों निवेशकों से करोड़ों रूपये की धोखाधड़ी किये है। इस कार्यवाही में थाना प्रभारी सूरजपुर विमलेश दुबे, एसआई गंगासाय पैंकरा, एएसआई संजय सिंह, मनोज द्धिवेदी, नंदलाल सिंह, आरक्षक राजेश्वर सिंह व रविराज पाण्डेय सक्रिय रहे।

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